चाहत सभी की होती है ,
एक उजाले की
बहुत कम ही ऐसे होते है
जिनको ये नसीब होते है।
किसी ने धूल क्या झोंकी है ,
आँखों में की पहले से
साफ़ नज़र आने लगा हैं।
कहाँ खाई थी , कसमें दूर तक
साथ चलने की , एक पल
भी तू ना मिला बस मिली मुझको
तन्हाईया तेरे नाम की।
ख़बर ही ना थी , हमको उसकी
बेवफ़ाई की हमने तो निभाई थीं ,
वफ़ा आपने आई हुए आपने हिस्से की ,
और एक वो थे जिनको ना थी क़दर मेरे इश्क़ की।
दो ही वजह हो सकती है।
तेरी बेवफाई की ,
या तो मिल गया है तुझको मुझे भी
ज़्यादा प्यार करने वाला।
या फिर तुझको क़दर नहीं मेरे प्यार की।
तेरी यादो को इसलिए अभी एक साँझो के रखा है ,
जो तजुर्बा तेरा साथ ने दे सका वो तेरी जुदाई दे गयी।
तेरी यादो ने हर जख्मो को सिलना सीखा दिया ,
टूटे हुए दिल ने ज़िंदगी को जीना सीखा दिया।
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